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शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015

आंटी का दर्द

          आंटी का दर्द

जब मैं थी छोटी ,
नन्ही मुन्नी सी गुड़िया ,
लोग मुझे कहते थे 'क्यूटी '
जब मैं बड़ी हुई,
जवानी और निखार आया,
लोग मुझे कहने लगे' ब्यूटी'
शादी के बाद ,
पति ने दिया ढेर सा प्यार,
 और कहते थे मुझे 'स्वीटी'
बाद में जब गृहस्थी में जुटी,
तो बच्चों और परिवार की सेवा में ,
लग गयी मेरी 'ड्यूटी'
और अब जब जवानी रूठी,
हो रही हूँ मोटी ,
और खो जाया करती है मेरी ' शांती'
जब अच्छे खासे ,
बड़े बड़े लोग भी,
मुझे बुलाते है कह कर 'आंटी'
ये लोगो का आंटी कहना
मेरे मन को चुभता है,
बन कर के नश्तर
इंग्लिश में 'आंट 'याने चींटी,
तो क्या मेरी हालत ,
हो गयी है चींटी से भी बदतर

मदन मोहन बाहेती'घोटू'


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