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रविवार, 3 अगस्त 2014

आज तुमने कुछ लिखा क्या ?

आज तुमने कुछ लिखा क्या ?

आपको हम क्या बताएं
देश को आजादी पाये
हो गए सड़सठ  बरस है
हाल पर जस के ही तस है
कुछ कमाया ,कुछ गमाया
सुधर कुछ भी नहीं पाया
मिल गया स्वराज भी है
लोग भूखे आज भी है
गाँव में या फिर गली में
देश भर की खलबली में
तुम्हे कुछ अच्छा  दिखा क्या?
आज तुमने कुछ लिखा  क्या  ?
बाढ़ है तो कहीं सूखा
अन्न सड़ता,देश भूखा
बेईमानी और करप्शन
विदेशों में देश  का  धन
कहीं रेली, कहीं धरना
रोज का लड़ना झगड़ना
बात हर एक में सियासत
साधते सब अपना मतलब
कई अरबों के घोटाले
लीडरों के काम काले
और इस सब खेल में है
कई नेता जेल में है
लुट रहा है देश का धन
हर एक सौदे में कमीशन
फिर कोई नेता बिका क्या ?
आज तुमने कुछ लिखा क्या ?
चरमराती व्यवस्थाएं
डगमगाती आस्थाए
कीमतें आसमान चढ़ती
भाव और मंहगाई  बढती
लूट और काला बाजारी
मौज करते बलात्कारी
अस्मते लुटती सड़क पर
और सोती है पुलिस पर
हर तरफ है भागादौड़ी
पिस रही जनता निगोड़ी
प्रतिस्पर्धा लिए मन में
जी रहे सब टेंशन में
लड़ रहे नेता सदन में
बदलते निज रूप क्षण में
बात पर कोई टिका क्या ?
आज तुमने कुछ लिखा क्या ?
संत योगी,योग करते
चेलियों संग भोग करते
धर्म अब बन गया धंधा
स्वार्थ में है मनुज अँधा
छा रहा आतंक सा है
आदमी हर तंग सा है
पडोसी ले रहे  पंगे
कर रहे ,घुसपेठ,दंगे
बड़ी नाजुक है अवस्था
हुई चौपट सब व्यवस्था
घट रही है  प्रगति की दर
है सभी की नज़रें हमी पर
आगे ,पीछे,दायें,बायें
आँख है सारे  गढ़ाये
चाईना क्या,अमरिका क्या ?
आज तुमने कुछ लिखा  क्या ?

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

तुम्हारी मोहब्बत

                  तुम्हारी मोहब्बत

मेरी जिंदगी की,बड़ी सबसे दौलत
तुम्हारी मोहब्बत ,तुम्हारी मोहब्बत
बिखरी है जीवन में,इतनी जो खुशियां,
तुम्हारी बदौलत ,तुम्हारी बदौलत
चहकते है पंछी,जब तुम हो चहकती  
बदलते है मौसम ,जब तुम मुस्कराती
 संगीत के स्वर,सभी  है   बिखरते ,
जब चूड़ियाँ है ,तेरी  खनखनाती
मन  डोलता जब ,छनकती है पायल,
लुभाती मेरा मन,तुम्हारी नफासत
मेरी जिंदगी की ,बड़ी सबसे दौलत ,
तुम्हारी मोहब्बत,तुम्हारी मोहब्बत
चमकती है प्यारी सी ,बिल्लोरी आँखें,
चंदा सा  चेहरा , बड़ा खूबसूरत 
 गठीला,तराशा बदन ऐसा  लगता ,
जीवित खड़ी ,संगेमरमर की मूरत
और संगेमरमर भी ,कोमल,लचीला ,
उसमे भी ,फूलों की,खूशबू,नजाकत
मेरी जिंदगी की,बड़ी सबसे दौलत ,
तुम्हारी मोहब्बत,तुम्हारी मोहब्बत
लबों में लबालब ,भरी प्रेम मदिरा ,
दहकता है यौवन,महकता बदन है 
लेती हो अंगड़ाई ,इठला के जब तुम,
नहीं होश रहते ,बहक जाता मन है
मुझे मोहती है,मुझे लूटती है ,
तुम्हारी शराफत,तुम्हारी शरारत
मेरी जिंदगी की बड़ी सबसे दौलत ,
तुम्हारी मोहब्बत,तुम्हारी मोहब्बत 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

शनिवार, 2 अगस्त 2014

पत्नी-कुछ परिभाषाएं

    पत्नी-कुछ परिभाषाएं
                १
पत्नी कभी 'परफेक्ट'नहीं होती ,
उसकी रेटिंग कभी भी 'A AA 'ट्रिपल A नहीं होती
उसे हमेशा 'BB 'डबल B की  रेटिंग दी जाती है
इसीलिये वो 'बीबी 'कहलाती है
                 २
बीबी को लोग प्यार से' बेगम 'भी कहते है
क्योंकि वह जीवन को बे गम करती है
याने सारे गम हरती है ,
और जीवन में खुशियां भरती  है
                ३
जो हमेशा तनी रह कर ,
ताने सुनाती है
पतनी  कहांती है
                 ४
पत्थर पर सिन्दूर लगाने से ,
वो देवता सा पूजा जाता है
हनुमानजी को भी,सिन्दूर का ,
चोला चढ़ाया जाता है
और शादी में ,पत्नी की मांग में ,
जब सिन्दूर भरा जाता है
तबसे ही उसे पूजने का,
सिलसिला शुरू हो जाता  है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

बताओ,मैं कौन हूँ?

    बताओ,मैं कौन हूँ?

गुलाबी सी रंगत और गोटा किनारी
मेरी शक्ल सबको ही लगती है प्यारी
किसी के भी हाथों में ,जब हूँ मै आता
मुझे देखता ,मुझपे ,नज़रें   गड़ाता
बड़े प्यार से मुझको सहला के ,छू कर
आगोश में अपने ,लेता  मुझे  भर
हसीं हो,जवां हो या बूढा या बच्चा
सभी को सुहाता मै लगता हूँ अच्छा
भले ही जवां हूँ,कड़क  मै करारा
नरम,लुगलुगा ,ढीला पर लगता प्यारा
कैसी भी  चाहे ,रहे  मेरी   सेहत
मगर कम न होती,कभी मेरी कीमत
गरीबों की रोजी,अमीरों की दौलत
सभी काम  होते  है  मेरी  बदौलत
कितने ही हाथों से मैं हूँ  गुजरता
और कितनो का ही हूँ मैं पेट भरता
रुकी फाइलों को ,चलाता हूँ मै  ही
दुनिया को सारी ,नचाता हूँ मै   ही
लुभाता हूँ सबको ,गुलाबी,करारा
मै  कौन हूँ, नाम क्या है हमारा ?

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

शुक्रवार, 1 अगस्त 2014

Asalam Alakum

Hello Sir,
I am sorry to bother you, I am urgently in need of a trusted partner for a very confidential and vital engagement. I am in Libya and need to move out and trust a huge amount of Funds in a trusted hands for any profitable and lucrative Business. please do get back to me for proceedings if you can be of help.

I am a very closed and trusted collaborator to my Boss, Son Of Late HIS EXCELLENCY MOAMAN GADAFFI'S, Presently, my Boss is dead and before he was killed,he left with me his vital and confidential rooms .
I just break into one of the lockers and discovered a large sum of money lying in it. Thus, i wish to find a way to move out these funds and also move out of the country before it could be discovered, Now I have all the logistics well planned and mapped out to fly out the funds, I was going through visibility search of emerging nations and found out that, India is a fast growing Economy with abound business opportunities thus,

I would want you to be a partner and a representative to assist me move these funds so that you can help me invest this fund in real estates and any lucrative businesses in India. Sir, I wish to do this as fast as possible so that I can save the value of the funds because, this funds lying in black money, is more or less a dead investment. The total amount in place is about FIVE MILLION DOLLARS.sir, bear with me that it's a very confidential information i am revealing to you and this is because i want you to know the source of the money and also to understand that the money is all the product of the nation which was been embezzled as a result of the corrupt government practices.please contact me at mohammed.mustafa7@yahoo.com.

Thanks & Regards'
Mohammed Mustafa

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