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बुधवार, 20 मई 2015

गुड मॉर्निंग '

                 गुड मॉर्निंग '
सवेरे ही सवेरे जब ,कोई मुस्का,मधुर स्वर में ,
        तुम्हे 'गुड मॉर्निंग' बोले ,बजेगी घंटियां  मन की
सुहागा होगा सोने में ,अगर मिल जाए पीने को,
         गरम एक चाय का प्याला ,ताजगी आएगी तन की
लगेगा उगता सूरज भी,तुम्हे हँसता और मुस्काता,
         हवाओं में भी आएगी , सुगन्धी तुमको चन्दन  की
'न्यूज़ पेपर 'जो खोलोगे ,तो फीलिंग आएगा मन में ,
          सुहागरात  में  तुमने ,    उठाई  घूंघट  दुल्हन की  

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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