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शनिवार, 2 मई 2015

नज़ाकत या आफत

        नज़ाकत या आफत

कहा हमने तुम्हारे हाथ,कोमल और नाजुक है ,
        करोगे काम घर का तो,नज़ाकत  भाग जायेगी
उन्हें मेंहदी लगाकर के,सजाकर के ही तुम रखना,
        नहीं तो कमल जैसी पंखुड़ियां ,कुम्हला न जाएगी
कहा उनने ,नजाकत ना ,इन हाथों में बड़ा दम है,
                 ज़रा छू के तो देखो तुम,पसीने छूट जाएंगे ,
पड़ेंगे गाल पर तो मुंह तुम्हारा लाल कर देंगे,
              उँगलियाँ पाँचों की पांचो ,उभर गालों पे आएंगी

घोटू

1 टिप्पणी:

  1. सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
    शुभकामनाएँ।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

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