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सोमवार, 6 जनवरी 2014

खोदा पहाड़ और निकली चुहिया

 खोदा पहाड़ और निकली चुहिया

पता नहीं क्यों,
मुझे यह मुहावरा ,कुछ प्रेक्टिकल नहीं लगता,
क्योंकि,पहाड़ खोदने पर ,चुहिया नहीं निकलती ,
बल्कि मिटटी या पत्थर है निकलता
 चुहिया तो गरीबों के कच्चे घरों में ,
खेत खलिहानो में ,
या हलवाई की दूकान में ,
या वहाँ ,जहाँ उन्हें कुछ खाने को मिलता है
वहीँ रहती है अपना बिल बना कर
क्या करेगी पहाड़ों में रह कर ,जहाँ मिलते है पत्थर

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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