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बुधवार, 1 मई 2013

सुरक्षा

                सुरक्षा 
आपने पढ़ा क्या आज का अखबार
कुछ दरिंदों ने ,एक पांच वर्ष की ,
अबोध बालिका के साथ,किया बलात्कार
हाँ,हाँ,पढ़ा तो है ,पर ये खबर पुरानी लगती है
आजकल तो  रोज अखबारों में ,
ऐसी  खबर छपती है
चलती बस या सड़कों पर दौड़ती कार
महिलाएं हो रही है बलात्कार की शिकार
और सत्ताधारी,जो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए है
अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हुए है
कहते है हम कर रहे है घटना की छानबीन
और इस दरमियान फिर  हो जाती है,
ऐसी ही घटनाएं दो तीन
ऐसी दरिंदगी के समाचारों से ,
हमारा तो कलेजा हिल जाता है
और टी .वी .चेनलो को दो दिन का मसाला,
और विपक्ष को सरकार को घेरने का ,
मुद्दा मिल जाता है 
सब अपनी अपनी राजनेतिक रोटियां सेकते है
और हम मूक दर्शक से देखते है 
अब तो इस माहोल से घृणा होने लगी है
इंसानियत चिन्दा चिन्दा होने लगी है
देश की महिलायें भले ही हो कितनी ही असुरक्षित 
उन्हें  इसकी कोई परवाह नहीं ,
चिंता  तो ये है कि उनकी कुर्सी रहे सुरक्षित

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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