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मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012

दौरा

एक गड्ढा
जो बहुत
दिनो से

बहुत लोगो को
गिरा रहा था
आज शाम
पी डबल्यू डी
की फौज द्वारा
भरा जा रहा था
सारे अफसरों के
हाथ में झाडू़
तक दिखाई
दे रहे थे
होट मिक्स
हो रहे थे
रोलर तक
चलाये दे
रहे थे
पब्लिक की
समझ में
कुछ नहीं
आ रहा था
जिसको देखो
वो कुछ ना कुछ
अंदाज लगा
रहा था
अरे कल
उत्तराखंड

का बर्थडे है
एक बता
रहा था
डी ऎम की
कार तक
बेटाईम

खड़ी थी
माल रोड पर
किसी से पूछा
तो पता चला
वो भी शहर में
चक्कर लगा
रहा था
इतने में
"मोतिया"
हंसता हुवा
आ रहा था

बड़े जोर
जोर से

ठहाके लगा
रहा था

पूछा तो
बोलता
जा रहा था

पागल मत
हो जाओ

गड्ढा ही तो
भरा जा रहा है
सालों को
पता भी नहीं
कल मुख्यमंत्री
बाय रोड
आ रहा है ।

7 टिप्‍पणियां:

  1. रहा अभी तक सड़क पर, उड़े गगन पर मस्त ।

    हेमवती का पुत्र यह, अभी बहुत ही व्यस्त ।

    अभी बहुत ही व्यस्त, सीखती नृत्य उत्तरा ।

    शादी का कर ख्याल, विचारो आज पत्तरा ।

    वर्षगाँठ भी आज, गाल को चिकना कर लो ।

    गड्ढे ले भरवाय, केक का टुकडा धर लो ।

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  2. मन की बातों को कहने का निराला तरीका और तीखा कटाक्ष |

    जवाब देंहटाएं

  3. एक गड्ढा जो बहुत दिनों से ......दिनो ठीक कर लें ..............बढ़िया कटाक्ष है .

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी ज़ोरदार क़लम से निकले धारदार व्यंग्य बाण.... कमाल!!!

    जवाब देंहटाएं

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