कार चाहिये
आदमी में होना अच्छे संस्कार चाहिये
प्रेमभाव मन में हो,नहीं विकार चाहिये
बुजुर्गों की करना सेवा ,सत्कार चाहिये
नहीं करना किसी का भी तिरस्कार चाहिये
करना अपने सारे सपने ,जो साकार चाहिये
ईश का वंदन करो यदि चमत्कार चाहिये
मैंने ये सब बातें शिक्षा की जो बेटे से कही,
बेटा बोला ठीक है पर पहले कार चाहिये
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
जीना है जीवन भूल गए
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जीना है जीवन भूल गए जब संसार सँवारा हमने मन पर धूल गिरी थी आकर, जग पानी
पी-पी कर धोया मन का प्रक्षालन भूल गए !नाजुक है जो, जरा ठेस से आहत होता,
किरच चुभे ...
1 दिन पहले
आज के जमाने का बेटा है ... सौदा पहले नज़र आता है ... हा हा ...
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