एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

वैवाहिक जीवन की सफलता के सात सूत्र

वैवाहिक जीवन की सफलता के सात सूत्र
--------------------------------------------------
                        १
सुखमय परिवार का पहला मन्त्र यही है
जो कुछ भी पत्नी कहती कहती है,वही सही है
                        २
पत्नी दुबली हो तो बोलो कनक छड़ी हो
मोटी हो तो यौवन से भरपूर  भरी हो
रूप प्रसंशा कर पत्नी की कहते रहिये,
कभी'चाँद हो,'कभी'फूल हो',कभी'परी हो'
                       ३
सजधज पत्नी पूछे मै लगती हूँ कैसी
कहो न जग में कोई कोई है तुम्हारे जैसी
फ़िल्मी हिरोईन परदे पर लगे  सुहानी
पर तुम्हारे आगे  सब भरती है पानी
                          ४
सुखी रहोगे यदि पत्नी से यह कह पाये
तुमसे अच्छा खाना कोई बना ना पाये
बाकी सब है यूं ही,तुम्हारी बात और है
तुम्हारे खाने का होता स्वाद   और है
                          ५
साला,सास,सालियाँ ये सब पूजनीय है,
इनकी तारीफ़ करिए,इनको आप साधिये
सुख से करना पार अगर जीवन बेतरनी,
पत्नी की तारीफों के पुल,आप बांधिये
                           ६
किसी और औरत की तारीफ़ कभी न करना
सोफे पर सोना पड़ सकता,तुमको   वरना
                            ७
ऑफिस में 'यस सर'यस सर',घर में 'यस मेडम'
तो खुशियों से भरा  रहेगा जीवन  हरदम

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-